


चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा शुरू करेंगे। इस दौरान वह विदेश मंत्री (ईएएम) डॉ. एस. जयशंकर के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक करेंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर चीनी विदेश मंत्री की यात्रा महत्वपूर्ण है, जिसमें रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है।
दोनों देशों के बीच विश्वास को मिलेगी और मजबूती
वांग यी की यात्रा इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हो रही है। भारत और चीन अपनी विवादित सीमा पर स्थायी शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए नए उपायों पर चर्चा कर सकते हैं, जिनसे दोनों देशों के बीच विश्वास को और मजबूती मिले।चीनी विदेश मंत्री की इस यात्रा को 2020 में गलवान घाटी में हुई घातक झड़पों के बाद गंभीर तनाव में आए दोनों पड़ोसी देशों द्वारा अपने संबंधों को फिर से बनाने के चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
वांग यी एक नई दौर की वार्ता के लिए आएंगे भारत
वांग यी मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की एक नई दौर की वार्ता के लिए भारत आएंगे।
वांग और डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं। चीनी विदेश मंत्री सोमवार शाम लगभग 4:15 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। शाम 6 बजे, वह द्विपक्षीय चर्चा के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मिलेंगे।
बैठकों में दोनों पक्ष कई प्रमुख मुद्दों पर कर सकते हैं विचार-विमर्श
मंगलवार सुबह, वांग यी सुबह 11 बजे एनएसए डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की वार्ता का एक नया दौर आयोजित करेंगे। बैठकों में दोनों पक्ष सीमा की स्थिति, व्यापार और उड़ान सेवाओं की बहाली सहित कई प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।